यशोदा हॉस्पिटल में मनाया गया विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह

कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह मनाया गया । वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं आगे होने वाले आपातकाल एवं एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार से बचने के लिए आज शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया ।


इस जागरूकता अभियान का मुख्य बिंदु 'एंटीबायोटिक लेने से पहले योग्य स्वास्थ्यसेवा पेशेवर से सलाह लें' रहा ' इस अवसर पर वरिष्ठ मइक्रोबिओलॉजिस्ट डॉ श्वेता शर्मा ने कहा कि एंटीबायोटिक्स बहुमूल्य संसाधन हैंइसलिए उसका सेवन करने से पहले पर्याप्त सलाह लेना महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होता हैकि आप और आपके परिवार को सबसे बेहत्तर उपचार मिलेगा तथा एंटीबायोटिक दवाओं के सही उपयोग के माध्यम से एंटीबायोटिक प्रतिरोध को कम करने में भी मदद मिलेगी।


डॉ प्रगति गुप्ता ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया संक्रमणों को रोकने और उनका उपचार करने के लिए उपयोग की जाती हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता हैजब बैक्टीरिया में बदलाव होता हैंजिससे इन दवाइयों के प्रति उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। बैक्टीरिया जीवित रहता है और लगातार बढ़ता हैजिसके कारण अधिक नुकसान होता है।


डॉक्टर प्रगति गुप्ता ने बताया उनके पास में इस तरह के भी मरीज आते हैं जिनमें बैक्टीरिया को मारने के लिए किसी भी प्रकार की एंटीबायोटिक का प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि जांच करने पर पता चलता है कि वह बैक्टीरिया हर तरह की एंटीबायोटिक का प्रतिरोध कर रहा है । और ऐसे में यदि मरीज की आयु ज्यादा हो और उसके शरीर में संक्रमण काफी बढ़ा हुआ हो ऐसे में उस मरीज को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है ।


एलर्जी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित सिन्हा ने बताया कि इस तरह के बैक्टीरिया को सुपरबग या दिल्ली बग भी कहते हैंभारत में पाए जाने वाला यह बैक्टीरिया किसी भी एंटीबायोटिक से खत्म नहीं होता । एक जानकारी के अनुसार अभी तक लोगों को मौत की नींद सुला भी चुका है । डॉक्टर अंकित सिन्हा ने यह भी कहा कि अब हमारे पास भविष्य में ऐसे एंटीबायोटिक नहीं है जो सुपर बग को मार सके  
डॉक्टर अंकित ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत में एंटीबायोटिक का सबसे ज्यादा दुरुपयोग होता है हम अपनी मनमर्जी से एंटीबायोटिक ले लेते हैं या दवाई की दुकान पर जाकर केमिस्ट से अपनी बीमारी बताकर कोई भी एंटीबायोटिक खा लेते हैं और उन्हें कभी भी रोक देते हैं ऐसे में बैक्टीरिया प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न कर लेता हैऔर वह किसी भी एंटीबायोटिक से खत्म नहीं होताजब आपको एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की ज़रूरत नहीं होती हैंतब इनका सेवन करने से एंटीबायोटिक प्रतिरोध को बढ़ जाता है।